मेरी पहली कविता और मेरा पहला ब्लाग वो दिन जब मैं पहली बार दिल ❤️ से रोया था और खूब रोया था मुझे आज भी याद है वो मेरे जिंदगी का पहला दिन था जब मुझे कोई चीज लेने के लिए पापा को बहुत सताया, तड़पाया था। वो चीज, वो जिद कुछ और नहीं बस एक मामुली सी साइकिल की थी । मैं दसवीं परीक्षा दी ही थी । उस वक्त बहुत नादान था मैं । मुझे तकलीफें, जरूरते एहमियत के बारे में कुछ नहीं समझ था । बस एक ही जिद थी, मुझे चाहिए तो बस चाहिए । उस वक्त मेरे पापा का अपना ट्रक एक्सीडेंट हुआ था, मेरे पापा जिंदगी और मौत के बीच से उबरे ही थे , घर के हालात बिगड़ गई थीऔर उन्होंने जल्दबाजी में ओटो लेने का फैसला किया था मेरे पापा ओटो चलाते थे और हमारे जिंदगी जीने के हालात एकदमसे ...
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