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FOJI KI NAUKRI ,, MANJIL KI SURUWAT

  FOJI KI NAUKRI MANJIL KI SURUWAT Tumhe chahte chahte ...tum me kho sa gya hu... Tumhe dhundte dhundte ... gum sa ho gya hu .... Is dagar me dr dr .... Bhatak rha hu Tumhe chahne ko.... Taras RHA hu... Wo tum hi ho... Jo dhundne ki chah bni h Wanna is Jahan me ...kise koi chahta Wakt ki iss killat me ... Apne sapne ko bhool sa gya hu ..... Sirf tumhe dhund rha hu Ha wo baat or hai..Ki ..ki_tum_bhi Kari ho mere mansil ki....pr tum meri mansil to nahi Har pl, har sanse ,har waqt .. apni mansil se pehle tumhe dhunta hu ... Tumhe chahta hu..kyuki...kyoki Tumse hi suru hogi meri mansil  Tumhe chahte chahte..mere struggle ki...aadat ban gyi ho.. Mere mansil ki pehli sidhi ..tum hi ban gyi ho... Tumhe pana mera pehla lakshya .. ho gya h... Mil jao na..kyu ruthi ho mujse ... Tumhe  dhundna hi... Mera mukam .. bn gya h Ho tum kis shaher me.. kis dagar me.. Tumhe dhundte dhundte ..kaha se kaha aa gya hu.. mai gum ho gya hu . Tumhe rato bhar ghadta rehta hu... tumhari likhawat ko p...

आप शायरी

आप शायरी

Transparent image shayri

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Transparent image shayri Transparent image shayri https://nojoto.com/post/26e42600c8f1c8ebb5bd0fb4f6abf896/ काश ये दिल ❤️ Transparent होता, तो मेरे दिल की तड़प को झांककर देख पाती तुम💓 लेखक हेमंत झा

Inspiration quotes

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Hindi Quotes Hindi Quotes बहाना मत बनाओ बनाना ही है तो, "हुनर बनाओं" जीतने वाले यही बनाते हैं।       लेखक हेमंत झा https://nojoto.com/post/350d59fdcebba7fa3a763d1d989fab6b/

yaad shayari

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yaad shayari yaad shayari Tumhe Rasto pe Gujarte Dekha karta Hu Tumhe Gujre to Barson Beet Gaye                                               Hemant jha

World Book day

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                 World Book day        World Book day   पूरी दुनिया कितनी भी बड़ी हो, पर छोटी छोटी किताबें में ही समाहित है ... ... किसी में भूगोल समाहित है,,तो किसी में इतिहास समाहित है,, ,,,,, ,,,,, पता नहीं किताबें नहीं होती तो इस दुनियां की क्या पहचान होती              लेखक हेमंत झा

किसान कविता हिंदी

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मै किसान हूं                                         मै किसान हूं International labour day 1 may ये कविता अंतरराष्ट्रीय किसान दिवस पर किसानो का महत्व उनकी तड़प को समझाने के लिए लिख रहा हूं। किसान जब खेतों में कड़कड़ाती धूप में भी अपने पसीने की धार बहाकर इतनी मेहनतकश करने के बावजूद उन्हें अन्न का सही दाम तो नहीं ही मिलता बल्कि उनके उपजाए फसल के अंकुर भी नहीं होते । इन परिस्थितियों के बावजूद तथा ऐसी तड़प में भी उन्हें खुद पर गर्व होता है, कि वो किसान हैं,,,,, क्योंकि उनके कारण ही पूरे देश की भूख की पीड़ा शांत हैं,, उनपर गर्व है मुझे पता है हम आप में से कई लोग किसान भाइयों के लिए बहुत कुछ करने में सक्षम है लेकिन किसी दबाव के कारण चाहे वो राजनीति का हो या उच्च-नीच का,, के कारण निर्णय नहीं ले पा रहे होंगे। 1 मेंई किसानों के लिए बहुत ख़ास दिवस होता है अगर आपसे हो सके तो उनके लिए जरूर कुछ करने की कोशिश करना  ये कविता मै किसान भाइयों को समर्पित करता हूं, मेरे दिल ...