15-4-2020 मेरी जिंदगी सच क्यूं नहीं
मेरी जिंदगी सच क्यो नहीं
------------------------------
यह कविता मैंने 18 मार्च 2017 को फेसबुक पर लिखा था। और मैं अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर रहा हूं। मैं इतनी मेहनत करता हूं, फिर भी मेरी जिंदगी मेरा साथ नहीं दे रही, फिर भी हार नहीं मानूंगा.... एक दिन मै सक्सेस पाकर रहूंगा ।
हंसना चाहता हूं....... रुला देती हैं जिंदगी
और रोते वक्त हंसी आती क्यो नहीं
।
जब प्यार करता हूं ... तो खुद पर गुस्सा आता है
साला गुस्से में प्यार होता क्यूं नहीं
।
दूर जाता हूं तो.... पास आने लगती हो
पास आता तो दूर जाती क्यूं नहीं
।
जब कुछ पाने लगता हूं तो.. कुछ खोने लगता है
खोते वक्त पाता क्यूं नहीं
।
जब खुद दिल से भी कुछ मांगता तो... खुदा
गुस्सा हो जातें हैं
खुदा से मांगता तो देते क्यूं नहीं
।
ऐ सीढ़ियों........
मत दिला बार बार मुझे गुस्सा खुद पर....
अगर खुदा ने मेरी मेहनत को चाहा.... तो
दौड़ता हुआ तुझपर चढ़कर अपनी मंजिल पा
लूंगा।
लेखक हेमंत झा
------------------------------
यह कविता मैंने 18 मार्च 2017 को फेसबुक पर लिखा था। और मैं अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर रहा हूं। मैं इतनी मेहनत करता हूं, फिर भी मेरी जिंदगी मेरा साथ नहीं दे रही, फिर भी हार नहीं मानूंगा.... एक दिन मै सक्सेस पाकर रहूंगा ।
हंसना चाहता हूं....... रुला देती हैं जिंदगी
और रोते वक्त हंसी आती क्यो नहीं
।
जब प्यार करता हूं ... तो खुद पर गुस्सा आता है
साला गुस्से में प्यार होता क्यूं नहीं
।
दूर जाता हूं तो.... पास आने लगती हो
पास आता तो दूर जाती क्यूं नहीं
।
जब कुछ पाने लगता हूं तो.. कुछ खोने लगता है
खोते वक्त पाता क्यूं नहीं
।
जब खुद दिल से भी कुछ मांगता तो... खुदा
गुस्सा हो जातें हैं
खुदा से मांगता तो देते क्यूं नहीं
।
ऐ सीढ़ियों........
मत दिला बार बार मुझे गुस्सा खुद पर....
अगर खुदा ने मेरी मेहनत को चाहा.... तो
दौड़ता हुआ तुझपर चढ़कर अपनी मंजिल पा
लूंगा।
लेखक हेमंत झा
Comments
Post a Comment